मौसी के बूर की जानदार महक
अभी मौसी की उम्र
कुछ 44 साल की होगी । मुझे
हमेशा उनको पेलने का मन करता था और में सोचता था कि एक ना एक दिन में उन्हें ज़रूर
चोदूंगा और उनकी शादी के कुछ समय बाद ही उनका तलाक भी हो चुका था.. क्योंकि उनके
पति का कोई और लड़की के साथ शारीरिक संबंध था।
वो थोड़ी मोटी है
लेकिन बहुत गोरी है.. लम्बे बाल और चुचियाँ भी बड़े बड़े है.. लेकिन मुझे फिगर के
साईज़ का कोई अंदाज़ा नहीं है। उनका एक बेटा था लेकिन वो अपने पिता के पास रहता था
और कभी कभी मौसी से घर पर आकर मिला करता है। में मौसी के पास रहता हूँ और वो मुझे
अपने बेटे से भी ज़्यादा प्यार करती है।
मैं जो भी मांगू
वो मुझे लाकर देती है.. वो बहुत आमिर है क्योंकि उनकी तलाक के कारण उन्हें एक मोटी
रकम मिली थी और उनका एक घर है गावं में जो कि उन्होंने किराए पर दिया हुआ है। में
नहीं जानता कि उन्हें सेक्स में ज्यादा रूचि है कि नहीं। में हर रोज़ रात में अपने
रूम में सोने से पहले उनके दिए हुए लॅपटॉप में ब्लूफिल्म देखता रहता हूँ..
मस्त चुदाई वाली
चुदाई मेरा करना और फिल्मो में देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरे रूम से जो
बाथरूम है वो उनके रूम से भी जुड़ा हुआ है और बाथरूम में दो दरवाज़े है जब भी कोई
भी बाथरूम में जाएगा वो अंदर से दोनों दरवाज़े लॉक करेंगे।
में रात को
बाथरूम में जाकर उनकी पेंटी में अपना लंड रगड़ कर अपना रस उनकी पेंटी से पोछता हूँ
यह में हर दिन रात को सोने से पहले करता हूँ और कभी कभार अगर उनकी पेंटी नहीं मिले
तो में बाथरूम में ही गिरा डालता हूँ।
फिर एक दिन अचानक
से उनका पेंटी रखना बंद हो गया और उनके स्वाभाव में भी बदलाव आ गया और वो हमेशा
मुझसे गुस्से से बात करने लगी और करीब दो हफ्ते बाद जब मौसी मुझे सुबह उठाने आई तो
में फ्रेश होकर किचन के पास डाइनिंग टेबल पर गया तो उनका मूड ठीक नहीं था और
नाश्ता करते करते हम इधर उधर की बातें कर रहे थे..
जैसे पढ़ाई के
बारे में और उनके दोस्तों के बारे में और उनकी पार्टी वगेरह वगेरह। फिर उन्होंने
पूछा:
मौसी : बेटा आज
रविवार है और क्या तेरी कहीं पर ट्यूशन है?
में : नहीं मौसी
आज कहीं पर ट्यूशन नहीं है. क्यों?
मौसी : नहीं में
सोच रही थी कि अगर आज हम लंच बाहर करें और कहीं पर घूमने चलें तो कैसा होगा
क्योंकि में बहुत बोर हो रही हूँ और फिर हम शाम को फिल्म देखते हुए घर पर लौटेंगे।
में : ठीक है
मौसी में आ कर तैयार हो जाता हूँ और आप भी तैयार हो जाईए।
मौसी : ठीक है
बेटा।
फिर हम लोग एक
मॉल में गये वहाँ पर मौसी ने कुछ शॉपिंग की मुझे कंप्यूटर गेम्स का बहुत शौक था तो
उन्होंने मुझे 4 गेम्स खरीद कर
दिए। फिर हम लोगो ने मॉल में पिज़्ज़ा खाया और फिल्म देखने हॉल में घुसे तो फिल्म
शुरू होने में अभी भी 20 मिनट बाकी थे तो
हम बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक मौसी ने कहा कि बेटा एक बात पूंछू.. सच सच बताएगा?
में : हाँ मौसी
पूछो ना।
मौसी : तू मेरी
पेंटी से हर रात को खेलता था ना?
तभी में बहुत डर
गया और ऐसी में बैठकर भी मुझे पसीना आने लगा तो उन्होंने कहा कि बेटा रिलॅक्स हो
जा और सच सच बोल दे में कुछ नहीं कहूँगी।
में : वो मौसी..
हाँ में वो करता था।
मौसी : क्या करता
था?
में : में वो मुठ
मारा करता था.. लॅपटॉप मे ब्लू फिल्म देखने के बाद.. मौसी मुझे माफ़ करना प्लीज और
में कभी भी नहीं करूँगा। मुझे बस एक बार माफ़ कर दो.. मौसी प्लीज़ गुस्सा मत होना।
मौसी : अरे बेटा
रिलॅक्स.. कोई बात नहीं में भी कभी कभी रात को चूत में उंगली करती हूँ। यह तो सब
करते है इसमे गुस्सा होने की क्या बात है?
में : थेंक्स
मौसी.. सही में आप बहुत अच्छी हो मौसी।
मौसी : चल ठीक है
बेटा।
फिर मैंने मौका
बहुत अच्छा समझा उन्हें पटाने और उनकी चुदाई करने का तो फिल्म शुरू होने के बाद
में जानबूझ कर उन्हें दिखा दिखा कर अपने लंड को सहलाने और दबाने लगा और मौसी भी
मुझे हर बार देख रही थी। फिर करीब दस मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो मैंने मौसी
से कहा कि मौसी में टॉयलेट हो कर आता हूँ।
मौसी : क्यों रुक
जा और थोड़ी देर इंटरवेल के बाद में जाना।
में : नहीं मौसी
मुझे अभी जाना है।
तो मौसी ने मेरा
हाथ पकड़ कर बैठा लिया और कहा कि..
मौसी : क्यों
बेटा पेंटी उतार कर दूं क्या अगर इतनी जल्दी है तो?
में तो डर गया और
मौसी से बोला कि नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है.. तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं
चल में चलती हूँ तुम्हारे साथ। फिर वो बाहर आई और मुझसे बोली कि।
मौसी : तू यहीं
पर रुक बेटा में लेडिस टॉयलेट में जाकर पेंटी उतार कर लाती हूँ।
में : क्या सच
में मौसी आप मुझे पेंटी लाकर दोगी?
मौसी : हाँ रुक
में लाती हूँ।
फिर वो अंदर गयी
और में बहुत टेंशन फ्री हो गया था। मौसी बाहर आई और चुपके से उन्होंने मेरे हाथ
में अपनी पेंटी को दे दिया। फिर में अंदर गया तो मैंने देखा कि उनकी पेंटी थोड़ी
भीगी हुई थी तो में समझ गया कि वो गरम है। फिर मैंने उसी पर अपना वीर्य डाल दिया
और बाहर आकर चुपके से मौसी को पेंटी दे दिया और मैंने सोचा कि वो अपने बेग में रख
लेगी लेकिन वो अंदर टॉयलेट में जाकर पहन कर वापस आ गयी और मुझसे कहा कि मैंने पहन
लिया है तो में और गरम हो गया।
फिर उन्होंने
मुझे कहा कि तूने तो पूरा गीला कर दिया तभी में हंस दिया और कहा कि मौसी में एक
बात बोलूं तो क्या आप बुरा नहीं मनोगे ना?
मौसी : अरे नहीं
बिल्कुल नहीं.. बेझिझक बोल दे।
में : मौसी आपने
कहा कि आप भी कभी कभी चूत में उंगली करती हो.. तो आप भी मेरे अंडरवियर में वो सब
कुछ किया करो।
मौसी : वाह
बेटा.. तू तो सच में बड़ा हो गया.. लेकिन में नहीं करूँगी। में तेरी मौसी हूँ यह
नहीं हो सकता।
में : लेकिन
क्यों मौसी अगर में कर सकता हूँ तो आप क्यों नहीं?
मौसी : चल ठीक है
लेकिन तेरी मम्मी, पापा या किसी और
को भी इस बारे में पता नहीं लगना चाहिए.. ठीक है।
में : चलो ठीक है
मौसी।
फिर हम दोनों
फिल्म देखकर घर वापस आए और रात का खाना बाहर से मंगवा लिया और जब रात को सोने जा
रहा था तो मैंने मौसी से उनकी पेंटी माँगी तो उन्होंने मुझे अपनी ब्रा को भी दे
दिया और कहा कि पेंटी में तो तू कर चूका है मेरी ब्रा क्यों बाकी रहें?
और में उन्ही के
सामने उनकी ब्रा को सूंघने लगा तो वो शरमा कर चली गयी। फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने
मेरे रूम में नॉक किया तब में उनकी ब्रा को अपने लंड पर रगड़ रहा था तो मैंने तुरंत
टावल पहना और दरवाज़ा खोला तो देखा कि वो नाईटी में है और कहा कि मेरा अंडरवियर दे
दो मुझे कुछ काम है।
तो मैंने कहा कि
काम अच्छे से करना मौसी तो वो हंसने लगी और मेरा अंडरवियर लेकर चली गयी।
कुछ दिन ऐसे ही
बीत गये और में भी हर रोज़ कम से कम दिन में दो बार उनसे उनकी पेंटी और ब्रा
माँगता और वो उठाकर दे देती और वो रात को मेरे रूम से ले जाती। फिर कभी कभी तो वो
कहीं बाहर जाने से पहले भी अपना रस मेरे अंडरवियर में डालती और मुझे देकर चली जाती
और कभी कभी में स्कूल जाने से पहले उनसे मेरा अंडरवियर माँगता और पहन लेता था जो
कि हमेशा गीला रहता था और में उन्हें कहता कि मौसी मुझे गीली अंडरवियर पहनने की
आदत हो गयी है तो उन्होंने कहा कि मुझे भी।
फिर एक दिन लंच
टाईम पर मैंने उनसे कहा कि..
में : मौसी एक
बात कहूँ अगर आप बुरा ना मानो तो?
मौसी : हाँ बोल
ना।
में : मौसी वो
मुझे आपको देखना है।
मौसी : तो देखना
में तो तेरे सामने बैठी हूँ और इस बुड्डी को देखकर क्या करेगा?
में : नहीं मौसी
आप मुझे बुड्डी नहीं लगती बल्कि सेक्सी लगती हो। मुझे आपकी खुश्बू बहुत पसंद है जो
कि पेंटी में सूंघता हूँ और वैसे भी मुझे आपको सू सू करते हुए देखना है।
मौसी : नहीं.. यह
नहीं हो सकता है।
में : नहीं मौसी
सच में मुझे देखना है.. प्लीज।
मौसी : ठीक है
फिर कल सुबह देख लेना में दरवाज़ा खुला छोड़ दूँगी।
में : आपको बहुत
बहुत थेंक्स मौसी।
मौसी : फिर तुझे
भी में जो कहूँगी करना पड़ेगा.. सोच ले।
में : आपके लिए
कुछ भी करूँगा मौसी।
मौसी : ठीक है..
शुभ रात्रि।
फिर हम सोने चले
गये। फिर सुबह में जल्दी जाग गया और देखा कि बाथरूम का दरवाज़ा खुला है तो में दौड़
कर गया तो देखा कि मौसी अपनी लोवर्स उतार रही थी। तो उन्होंने मुझे देखा और कहा कि
बेटा उठ गया क्या तू? फिर मैंने कहा कि
हाँ।
फिर वो टॉयलेट पर
बैठी और मूतने लगी और में झुककर उनके बालों से भरी हुई चूत को देखता रहा और में
पास में जाकर देखने लगा और सूंघने लगा तो उन्होंने कहा कि क्या कर रहा है। यह गंदी
चीज़ है.. तो मैंने कहा कि नहीं मुझे यह बहुत अच्छी लगती है तो उन्होंने कहा कि
बेटा मेरी पेंटी रखी हुई है तू ले सकता है।
तो मैंने कहा कि
मौसी में इधर ही मुठ मार लूँ.. तो उन्होंने कहा कि हाँ और में तुरंत पेंट उतार कर
उनकी पेंटी को सूंघने लगा और चाटने लगा वो हैरान होकर मुझे देखती रही। में उनकी
पेंटी में अपना लंड रगड़ रहा था और वो देख रही थी।
फिर वो अचानक से
खड़ी हो गई। तो मैंने कहा कि मौसी मुझे आपकी गांड को देखकर झड़ना है.. प्लीज़ आप ऐसे
ही रहिए। तो उन्होंने कहा कि ठीक है जरा जल्दी कर।
फिर में जब झड़ने
वाला था तो उनकी गांड में अपना लंड सटा कर उनके छेद के बाहर ही झड़ गया तो उन्होंने
मेरा वीर्य अपनी गांड और चूत पर मसल लिया और फिर उन्होंने पेंटी पहन ली और वो मेरे
लंड को दबा कर बाहर चली गयी।
उसके बाद में और
मौसी एक दूसरे के सामने नंगे ही रहने लगे.. लेकिन दोस्तों मौसी ने मुझे अभी तक
चुदाई नहीं करने दी.. लेकिन जब में उनकी चुदाई करूँगा तो आप लोगों को जरूर बताऊंगा
।।
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